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			 नई पुस्तकें >> नन्हीं मुस्कान नन्हीं मुस्कानआकांक्षा मधुर
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ये पत्र एक शिक्षिका द्वारा अपने छात्रों को सम्बोधित करते हुए इस भाव से लिखे गए हैं कि उनमें बसा हुआ प्रेम पल्लवित हो, कुसुमित हो और बचा रहे
आभार
बच्चों को,
 जिनकी मुस्कान से यह पुस्तक सजी है।
 बेसिक शिक्षा विभाग में मेरी गुरु-स्वरूप रहीं
 डॉ. संध्या तिवारी को,
जिन्होंने बच्चों में घुल मिल जाने का, 
 स्वयं को निखारने का पहला मौका दिया।
 अग्रज विनय मिश्र को,
 जो पुस्तक से लेखन से लेकर प्रकाशन तक उत्प्रेरक का कार्य करते रहे।
 प्रकाशक को,
 जिन्होंने इस पुस्तक को साकार स्वरूप प्रदान किया।
- आकांक्षा
 
 
						
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- समर्पण
 - आभार
 - पुरोवाक्
 - अनुक्रमणिका
 

 
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